5 जटाशंकर
जटाशंकर दौड़ दौड़ कर पूरे
गांव में
मिठाई वितरण
कर रहा
था। गांव
वालों ने
उससे पूछा
भाई क्या
बात है?
पुत्र हुआ
है।
जटाशंकर ने कहा
नहीं!
फिर किस बात
के लिये
मिठाई बांट
रहे हो!
अरे! मत पूछो
यह बात!
मैं आज
कितना अपने
आपको प्रफुल्लित
महसूस कर
रहा हूं।
आखिर गांव के
25-30 व्यक्ति एक साथ इकट्ठे होकर
उससे पूछने
लगे भैया,
कारण तो
तुम्हें बताना
ही होगा।
जटाशंकर ने कहा-अरे, और
कुछ नहीं
मेरा गधा खो गया
हैं, इस
उपलक्ष्य में
मिठाई वितरण
कर रहा
हूँ। लोग
हैरान होकर
कहने लगे
भैया, यह
बात खुशी
की है
या शोक
की! तुम
परेशान होने
की जगह
राजी हो
रहे हो।
जटाशंकर ने कहा
राजी क्यों
न होउँ।
रोज मैं
गधे पर
सवार होकर
निकलता था।
यदि मैं
उस पर
सवार होता
तो गध्ो
के साथ
साथ मैं
भी नहीं
खो जाता।
मैं अपनी
सुरक्षित उपस्थिति
के लिये
मिठाई बाँट
रहा हूँ।
लोग उसके तर्क
को सुनकर
मुस्कुराने लगे।
सही दिशा के
अभाव में
तर्क तथ्य
का बोध
नहीं करा
पाता।
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